युधिष्ठिर और यक्ष की कहानी – Yudhisthira and Yaksha Samvad Story in Hindi : दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए लाये हैं महाभारत के समय कि युधिष्ठिर और यक्ष के संवाद पर कहानी।
युधिष्ठिर और यक्ष की कहानी
एक दिन पांडव वन में बहुत व्याकुल हो गए। नकुल, सहदेव, अर्जुन व भीम चारों पानी खोजते हुए एक सरोवर पर पहुंचे, परंतु पानी पीते ही चारों मर गए। अंत में हताश युधिष्ठिर स्वयं उनकी खोज में निकले तो चारों को मरा पाकर बहुत दु:खी हुए। प्यास से व्याकुल युधिष्ठिर पहले मेरे प्रश्नों का उतर दो, अन्यथा तुम्हारे भाइयों जैसी ही गति तुम्हारी भी होगी।
शांत, धीर युधिष्ठिर ने यक्ष के सभी प्रश्नों के सटीक उतर दिये तो यक्ष ने प्रसन्न होकर उन्हें पानी पीने की अनुमति दी। फिर-कहा मैं तुम्हारे उतर से प्रसन्न हूं। बताओ, तुम्हारे चारों भाइयों में से किसे जिंदा करूं? संकटग्रस्त युधिष्ठिर ने नकुल को जीवित करने की यक्ष से प्रार्थना की। नकुल का नाम सुनते ही यक्ष ने कहा युधिष्ठिर तुमने दस हजार हाथियों के बल वाले भीम, संसार के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को जीवित करने की प्रार्थना नहीं की, जो संकट में तुम्हारी रक्षा कर सकते हैं। नकुल तो तुम्हारे किसी काम का नहीं फिर क्यों उसे जीवित कराना चाहते हो? युधिष्ठिर ने उतर दिया महाराज, मनुष्य की रक्षा उसका धर्म करता है भीम,अर्जुन नहीं। धर्म विमुख मनुष्य का नाश हो जाता है। मेरे पिता की दो पत्नियां हैं कुंती और माद्री। कुंती का एक पुत्र मैं जीवित हूं, इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरी दूसरी माता का भी एक पुत्र जीवित रहे और इसीलिए मैंने नकुल को जीवित करने की प्रार्थना की है। यक्ष ने कहा-युधिष्ठिर, तुम सचमुच धर्मराज हो। मैंने तुम्हारे चारों भाइयों को जीवित कर दिया है।
कहानी का सार
उक्त प्रसंग से स्पष्ट होता है कि बीन धर्म का जीवन सिद्धांतहीन होता है और ऐसा मनुष्य बिना पतवार के जहाज की तरह संसार-सागर में इधर से उधर मारा-मारा फिरेगा और अपने अभीष्ट स्थान तक नहीं पंहुचेगा। नैतिक शिक्षा के अभाव में हमारा आत्मबल ऊंचा नहीं हो पाता और हमारे विचारों में संकीर्णता बनी रहती है। ऐसी सिथति में हम अच्छे संस्करणों का सृजन नहीं कर सकते। अत: जरुरी है कि हम अपने घर व दफ्तर में नैतिकता का वातावरण स्थापित करें। तो दोस्तों आशा है आपको ये पोस्ट युधिष्ठिर और यक्ष की कहानी – Yudhisthira and Yaksha Samvad Story in Hindi पसंद आयी होगी। अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।