सबसे बड़ा कौन – Short Motivational Story on Leadership

सबसे बड़ा कौन – Short Motivational Story on Leadership : दोस्तों आजकल के इस युग में जहाँ हर कोई स्वार्थी होता जा रहा है और अपना बड़प्पन (Dignity) दिखाने में पीछे नहीं हटता है।

short motivational story leadership

सबसे बड़ा कौन
Short Motivational Story on Leadership

एक बार देवर्षि नारद के मन में यह जानने की इच्छा हुई कि इस ब्रहमांड में सबसे बड़ा और महान कौन है? नारदजी बैकुंठ गए और उन्होंने भगवान विष्णु से अपने मन की जिज्ञासा रखी कि सबसे बड़ा कौन है?

विष्णु जी ने मुस्कुराते हुए उतर दिया, नारदजी सबसे बड़ी तो यह पृथ्वी है, पर समुद्र ने पृथ्वी को घेर रखा है। इसलिए समुद्र उससे भी बड़ा है। नारदजी बोले-चलो मान लेता हूं कि सबसे बड़ा समुद्र है। विष्णु ने नारद की बात सुनकर फिर कहा- नारदजी महाराज, समुद्र को भी अगस्त्य मुनि ने पी लिया, इसलिए समुद्र कैसे बड़ा हो सकता है? बड़े तो अगस्त्य मुनि हुए। नारदजी ने कहा-चलो भगवान आप कहते हैं तो अगस्त्य को सबसे बड़ा मान लेता हूं। फिर विष्णु जी ने कहा- पर नारदजी यह तो समझो कि वे रहते कहां है। अंनत आकाश में एक सुई जितनी जगह में वे एक जुगनू की तरह चमक रहे हैं, इसलिए आकाश उनसे भी बड़ा है। नारदजी इकतारा बजाते हुए बोले-ठीक कहते हैं आप, सबसे बड़ा आकाश है।

आकाश की नीली छतरी के नीचे पूरी दुनिया समाई है। विष्णु ने फिर कहा- लेकिन वामन अवतार ने इस आकाश को भी एक ही पग में नाप लिया। इसलिए आकाश से तो वामन ही विराट हैं। नारदजी ने विष्णु के पावं पकड़ते हुए कहा- भगवान आप ही वामन अवतार थे। अब आपने सौलह कलाएं धारण की हैं इसलिए वामन से विष्णु बड़े हैं। इसलिए में आपको प्रणाम करता हूं। विष्णु ने कहा- मैं विराट स्वरूप धारण करने के बाद भी अपनी भक्तों के छोटे से ह्रदय में विराजित हूं। इसलिए सर्वोपरि महान और बड़े तो मेरे भक्त हैं जो शुद्ध मन से मेरी आराधना करते हैं। तुम भी सच्चे भगवान के भक्त हो, इसलिए वास्तव में सबसे महान और बड़े तुम स्वयं हो।

कहानी का सार

बड़े लोग कभी अपना बडप्पन नहीं छोड़ते। वे छोटे लोगों को बड़ा कहकर उन्हें आगे बढने का मौका देते हैं। भगवान राम ने शिवरी के झूठे बेर खाकर अपना बडप्पन दर्शाया था। इसी प्रकार भगवान कृष्ण ने दुर्योधन का राजभोग ठुकराकर विदुर के यहां सूखा साग खाया था और युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में सभी अतिथियों के चरण धोए थे। तो दोस्तों इस Story से यही सीख मिलती है कि आप अपना बड़प्पन नहीं छोडें और दूसरों को भी महत्व दें। शुभकामनाएं

इन्हें भी पढ़ें –

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.