मृत्यु से बड़ा सत्य नहीं है प्रेरणात्मक हिंदी कहानी – Motivational Hindi Story

मृत्यु से बड़ा सत्य नहीं है प्रेरणात्मक हिंदी कहानी – Motivational Hindi Story :  दोस्तों आज हम आपके लिए एक ऐसी Story लेकर आये हैं जिसको पढने के बाद आप ये जानेंगे की कैसे प्रसन्न रहा जा सकता है और कैसे Positive Attitude रखकर आप अपने जीवन में आनंद ले सकते हैं।

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मृत्यु से बड़ा सत्य नहीं है प्रेरणात्मक हिंदी कहानी
Motivational Hindi Story

एक बहुत ही सिद्ध और सच्चे भक्त थे। सदैव प्रसन्न रहते थे। एक दिन एक शिष्य ने पूछा, महाराज आपको कभी अप्रसन्न नहीं देखा, आप कैसे हमेशा प्रसन्न रह पाते हैं? संत ने उतर दिया, मैं अपनी प्रसन्नता से पहले तुम्हारे बारे में कुछ बताना चाहता हूं। मेरे बारे में। शिष्य ने आश्चर्य से पुछा। संत ने कहा, हां, तुम्हारे बारे में। दरअसल तुम आज से एक सप्ताह बाद ही मृत्यु को प्राप्त हो जाओगे। यह भविष्यवाणी सुनकर शिष्य सन रह गया। उसके मन पर इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और उसी दिन उसके स्वभाव में आश्चर्यजनक परिवर्तन आ गया। वह छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठ गया। सभी से प्रेमपूर्ण व्यवहार करने लगा, उसके मन में उदारता ने जन्म ले लिया।

अचानक एक सप्ताह बाद वह संध्या कर रहा था, उसके मन में मृत्यु की कल्पना थी। तभी वह संत वहां आ गए और उन्होंने उससे पूछा, कहो, कैसा लग रहा है? शिष्य ने शांत-भाव से उतर दिया, महाराज। इस पूरे सप्ताह मुझे किसी पर क्रोध नहीं आया। कड़वा भी नहीं बोला, बल्कि सबके साथ प्रेमपूर्वक रहा। सोचा, क्यों थोड़े से समय के लिए बुराई का टोकरा सिर पर उठाऊँ। संत ने कहा, मैंने तुम्हारी मृत्यु की भविष्यवाणी इसीलिए की थी कि तुम जान सको कि मृत्यु को याद रखने वाला क्रोध, घ्रणा व ईष्र्या आदि के बारे में सोचता भी नहीं और यही प्रसन्न रहने का कारण है। जाओ, प्रसन्न रहो, अभी तुम्हारी काफी आयु शेष है।

कहानी का सार

मृत्यु तो जीवन का अभिन्न अंग है, इससे डरना क्या? इसे याद रखकर हम भय-मुक्त रहना सीखते हैं और तब जीवन में कुछ अच्छाइयो को ग्रहण कर बहुत सी बुराइयों से दूर रह सकते हैं, जैसा कि हमने इस प्रसंग में देखा है। जब तक मन में भय रहता है, तब तक आत्मा परिपूर्ण नहीं रह सकती और आप सुखी जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। उसकी चिंता-सोच में आप डूबे रहेंगे। आश्यकता इस बात की है कि आप अपनी सोच में बदलाव लाएं, सकारात्मक नजरिया बनाएं। भय को सम्भलकर चलने की प्रेरणास्वरूप मानें। जो घटना होनी है, उसे टाला नहीं जा सकता-यह प्रकृति का नियम है। अतएव सकारात्मक द्रष्टि से आप हर परिसिथ्ती को खुशी से स्वीकार कर उसी में आनंद की अनुभूति लें। इसी में आपका भयमुक्त जीवन है। तो दोस्तों आशा करते है आपको हमारी ये पोस्ट मृत्यु से बड़ा सत्य नहीं है प्रेरणात्मक हिंदी कहानी – Motivational Hindi Story पसंद आयी होगी, अपने विचार जरूर लिखें। धन्यवाद् 

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