अब्राहम लिंकन का पत्र – Abraham Lincoln Letter to His Son’s Teacher in Hindi

अब्राहम लिंकन का पत्र – Abraham Lincoln Letter to His Son’s Teacher in Hindi : Corporate Executives को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Abraham Lincoln से ज़िन्दगी के बारे में काफी कुछ सीखने को मिलता है। Lincoln द्वारा लिखित “अब्राहम लिंकन का पत्र अपने बेटे के शिक्षक के नाम”  – Abraham Lincoln Letter To His Son’s Teacher ज़िन्दगी में सफलता के बारे में एक नई सोच जागृत करता है।

inspirational-letter-abraham-lincoln –to-his-sons-teacher-hindi

अब्राहम लिंकन का पत्र
Abraham Lincoln Letter to His Son’s Teacher in Hindi


उन्होंने पत्र में लिखा कि
कृपया मेरे बेटे को समझाइए कि संसार में सभी व्यक्ति न्यायप्रिय और सच्चे नहीं होते है। लेकिन इस बदमाश भीड़ में अच्छे लोगों की कमी नहीं है मौकापरस्त राजनीतिज्ञों के बीच एक समर्पित नेता भी होता है। मेरे बेटे को बताएं कि मेहनत की रोटी बेईमानी से जुटाई बेशुमार दौलत से अधिक मूल्यवान है मेरे बेटे को जरुर सिखाए कि हार को कैसे स्वीकारा जाता है और जीत को किस संयम के साथ लिया जाता है। उसे बताएं कि बदमाश माफिया से डरे बिना उन्हें झुकाना ही साहस है.  उसे किताबों के सुन्दर-अदभुत जगत से परिचय कराए। उसे मौन से मिलने वाली तरोताजा शान्ति के बारे में जरुर बताए।

इस संसार की सुन्दरता के अहसास के लिए उसे खुले आकाश में उड़ते पक्षियों की चहचहाट और सोने जैसी धूप में मंडराते भौरों,  गौरवशाली पर्वतो की हरी-भरी वादियों में बिखरे फूलों को देखने के रसमय आनन्द से भी परिचित कराए।  उसे जोर देकर समझाए कि धोखे से पाई सफलता के मुकाबले अन्नुतिर्ण होना ज्यादा बेहतर है।  वह अपने विचारों और संकल्पों पर ध्वंध विश्वास करता हुआ सदेव सत्य के रस्ते पर चले, भले ही लोग उसे कितना गलत कहे।

वह अच्छों के साथ अच्छा रहे और उसे बदमाशों से निपटना भी सिखाए।  उसकी एक स्वंतत्र पहचान हो वह सुने सबकी, पर सुनी हुई बातों को वह सत्य की छलनी में जरुर छाने और केवल तथ्यों तथा अच्छाइयों को ग्रहण करे।  उसे बताए कि उदासी में कैसे हंसा जा सकता है और दूसरों की पीड़ा में द्रवित होने में झिझक कैसी।

संकुचित मानसिकता वाले लोगों को वह महत्व ना दे और चापलूसों कि बातों पर वह विश्वास ना करे।  उसे अपनी अक्ल से भरपूर पैसा कमाना सिखाया जाए परन्तु अंतरात्मा को कभी ना बेचे।  अनावश्यक शोर्य प्रदर्शन में धेर्य बरते,  परन्तु सद्कार्य के लिए उसमे अधीरता व बेचेनी पैदा करे।  में जानता हूं गुरुवर,  मेरी अपेक्षाए आपसे कुछ ज्यादा हैं,  पर देखे जितना हो सके अवश्य करे,  मेरे बेटे के लिए।


तो दोस्तों आपको इस लेख अब्राहम लिंकन का पत्र – Abraham Lincoln Letter to His Son’s Teacher in Hindi से ये निचोड़ मिला होगा की सत्य और स्वय में गहरे आत्मविश्वास के साथ धन कामना है और देश व आमजन की सहायता के लिए सदैव प्रेरित रहना है।

इन्हें भी पढ़ें-

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.