आत्मबल और अंतर्मन की शक्ति पर कहानी – Self Improvement Story in Hindi – दोस्तों हमने कई बार ये सुना है की अंतर्मन की शक्ति को पहचानो, आज हम ऐसी ही एक कहानी आपके लिए लेकर आये है।
आत्मबल और अंतर्मन की शक्ति पर कहानी
Self Improvement Story in Hindi
गर्मी का समय था एक बाप अपने बेटे के साथ घोड़े की रस्सी पकडे पैदल चला जा रहा था कुछ देर चलकर पिता ने पुत्र को घोड़े पर बैठा दिया और स्वयं पैदल चल दिया। दो यात्री उधर से निकल रहे थे। पुत्र को घोड़े पर सवार देखकर एक ने कहा-कैसा नालायक बच्चा है जो बाप को पैदल चला रहा है और खुद घोड़े पर बैठा है। यह सुनकर लड़का चुपचाप घोड़े से नीचे उतरा और अपने पिताजी से बोला-बापू, आप बैठिये घोड़े पर। लड़का पैदल चलने लगा। आगे जाने पर कुछ लोग मिले और बोले-कैसा निर्दयी बाप है, जो बच्चे को पैदल चला रहा है और खुद लाड साब बना घोड़े पर बैठा है? इस बात से पिता को धक्का लगा और घोड़े से उतरकर लड़के के साथ पैदल चलने लगा।
कुछ और आगे बढ़कर तीसरे प्रकार के लोग मिले और बोले-देखो, कैसे मूर्ख हैं, जो घोड़ा होते हुए भी पैदल चल रहे हैं? अब पिता ने पुत्र से कहा, चल बेटा, हम दोनों इस पर बैठ जाते हैं। आगे चलकर दोनों ने किसी के इस व्यंग्य को भी सुना, अरे, इस घोड़े को मारने का इरादा है क्या? पिता-पुत्र दोनों घबराकर नीचे उतर आए और एक पेड़ की छावं में बैठकर सोचने लगे कि क्या किया जाए?
पिता ने सारी स्थिति पर गौर करके पुत्र को समझाते हुए बोला बेटा, यहां जो बात एक की नजर में सही है वही दूसरे की नजर में गलत है। जब हम दोनों घोड़ो पर बैठे थे, तब दुनिया को एतराज था, लेकिन घोड़े को तो नहीं था: अत हम दोनों घोड़े पर बैठकर ही चलेंगे। यह मेरे अंदर की आवाज है।
कहानी का सार
मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ ईश्वरीय संदेश देती है। महान वैज्ञानिक थॉमस एडीसन ने कहा है तुम दुनिया की सुनोगे तो बिखर जाओगे, अपने अंदर की सुनोगे तो उबर जाओगे। तो मित्रों अपने मन की सुने और निर्णय लें। तो दोस्तों आशा करते हैं आपको ये कहानी आत्मबल और अंतर्मन की शक्ति पर कहानी – Self Improvement Story in Hindi पसंद आयी होगी। धन्यवाद्