ईमानदारी पर प्रेरणात्मक कहानी – Moral Story on Honesty in Hindi : दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये हैं ईमानदारी और आत्मसम्मान पर एक ऐसी प्रेरणात्मक कहानी जो आपको ईमानदारी से कर्म करने की प्रेरणा देगी।
ईमानदारी पर प्रेरणात्मक कहानी
Moral Story on Honesty in Hindi
एक किसान ने अपना खेत दूसरे किसान को बेच दिया। दूसरे किसान ने जब खेत जोता, तो हल धरती में अटक गया। किसान ने वहां खुदाई की। खुदाई करने पर उसे स्वर्णमुद्राओं से भरा एक कलश मिला। वह हल-बैल वहीँ छोड़कर सीधे पहले वाले किसान पर गया और बोला-यह कलश तुम्हारा है, ले लो। यह खेत में गढ़ा हुआ मिला है। मैंने तुमसे यह खेत जब खरीदा था, तब मिट्टी के दाम दिए थे, इस कलश के नहीं। तुम्हारे पूर्वजों द्वारा गाडा गया होगा, इस पर मेरा अधिकार नहीं है। इस पर पहले वाला किसान बोला-भाई, यह कलश तो अब तुम्हारा है। मैंने तुमको खेत बेचा है, अब उसमें से मिट्टी निकले या सोना, सब तुम्हारा है।
इस कलश को कोई भी किसान लेने को तैयार नहीं हुआ। अत: यह विवाद महाराज युधिष्ठिर के दरबार में पहुंचा। उन्होंने दोनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन सब व्यर्थ। दोनों यही कहते रहे कि जो मेरी संपति नहीं है, उसको मैं कैसे ले सकता हूं? अंत में दोनों किसान एक ही स्वर में युधिष्ठिर से बोले-महाराज, हम दोनों इस कलश को नहीं लेना चाहते, अत: आप इसे अपने खजाने में जमा कर लीजिए। युधिष्ठिर ने कहा मैं भी इस कलश को अपने कोष में जमा नहीं कर सकता। जब आप दोनों आत्म-सम्मान के इतने धनी हैं कि केवल अपनी कमाई ही अपने पास रखना चाहते हैं तो मैं भला इसको क्यों लूं? स्वर्णमुद्राओं से भरे कलश को न तो दोनों किसानों में से किसी ने लिया और न ही महाराज ने अपने कोष में जमा किया। अंत में उस गावं के एक निर्धन किसान की कन्या के विवाह में वह धन खर्च कर दिया गया। यह आत्म सम्मान की एक अद्वितीय मिसाल है।
तात्पर्य यह है कि जिंदगी में सब कुछ पाने की चाहत यदि हमारे अंदर है तो हमें आत्म-सम्मान का सृजन करना होगा और इसके अधिकारी हम तभी होंगे जब हमारे ह्रदय में शुभ विचारों का संचार होगा। तो दोस्तों आशा करते हैं आपको हमारी ये पोस्ट ईमानदारी पर प्रेरणात्मक कहानी – Moral Story on Honesty in Hindi पसंद आयी होगी, अपने विचार जरूर लिखें।