डिप्रेशन से जीत की कहानी – Heart Touching Motivational Story Hindi : दोस्तों आज हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं एक सकारात्मक और दिल को छू लेने वाली कहानी जिसका उद्देश्य है कि डिप्रेशन पर कैसे जीत पायी जा सकती है।
डिप्रेशन से जीत की कहानी
महर्षि रमण के आश्रम के पास एक ग्राम में एक अध्यापक रहता था। प्रतिदिन के पारिवारिक कलह से त्रस्त होकर उसने आत्महत्या की सोची, ताकि वह रोज-रोज की अशांति से मुक्त हो सके, किंतु आत्महत्या का निर्णय लेना इतना आसान नहीं था। मनुष्य को अपने परिवार के भविष्य की ओर भी ध्यान देना होता है। इस उहापोह में पड़ा वह व्यक्ति महर्षि रमण के आश्रम में पहुंचा और उसने उन्हें प्रणाम करके सारी बात बताकर आत्महत्या के बारे में उनकी राय जाननी चाही।
महर्षि उस समय आश्रमवासियों के भोजन के लिए बड़ी सावधानी से पतल बना रहे थे। वे चुपचाप उसकी बातें सुनने लगे। उस व्यक्ति ने सोचा कि शायद निर्णय लेने में स्वामीजी को विलंब हो रहा है। पतल बनाने में स्वामीजी के परिश्रम और तल्लीनता को देख उसे आश्चर्य हुआ। उसने आखिर पूछ ही लिया- आप इन पतलों को इतने परिश्रम से बना रहे हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद भोजन के उपरांत ये कूड़े में फेंक दी जाएगी। महर्षि मुस्कुराते हुए बोले-आप ठीक कहते हैं, लेकिन किसी वस्तु का पूरा उपयोग हो जाने के बाद उसे फेंकना बुरा नहीं है। बुरा तो तब कहा जाएगा जब उसका उपयोग कि बिना अच्छी अवस्था में ही कोई फेंक दे। आप तो सुविज्ञ हैं, मेरे कहने का आशय तो समझ ही गए होंगे। इन शब्दों से अध्यापक महोदय की समस्या का समाधान हो गया। उस परिसिथति में भी उनमें जीने का उत्साह आ गया और उन्होंने आत्महत्या करने का विचार त्याग दिया।
तो दोस्तों आप समझ ही गए होंगे हमारे इस पोस्ट डिप्रेशन से जीत की कहानी – Heart Touching Motivational Story Hindi का महत्व, किसी भी परेशानी से भागना समस्या का इलाज़ नहीं है बल्कि आपको उन समस्याओं का जमकर सामना करना चाहिए और जीवन को उत्साह से जीना चाहिए।