आलोचना से घबराना नहीं चाहिए – Business Motivational Story in Hindi : सफलता के लिए आलोचनाओं से सबक लीजिये और उसको भूल कर आगे बढिए यही है सफलता का असली मंत्र। किसी ने ठीक कहा है कि आलोचना Criticismकरने का हक उस आदमी के पास होता है, जिसके दिल में दूसरों की सहायता करने की इच्छा कूट-कूट कर भरी होती है।
आलोचना से घबराना नहीं चाहिए
Business Motivational Story in Hindi
Winston Churchill ने एक बार कहा था कि आलोचना को हम स्वीकार नहीं करते हैं, परन्तु यह एक आवश्यक चीज है। इसकी तुलना हम अपने शरीर में होने वाले दर्द से कर सकते हैं जो किसी अस्वस्थ चीज की तरफ हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। Management Experts के सामने अध्ययन का विषय यह है कि Corporate World में एक Executive को अपनी आलोचना को कैसे Handle करना चाहिए।
अकसर बेहद उग्र क्षणों में या Performance Evaluation के समय Senior Officers, Executives की Performance का कठोर विश्लेषण करके उन्हें अंदर से झकझोर देते हैं। उनके शब्दों को सुनकर एक Executive अंदर से लगभग टूट जाता है। कई Girls Executives तो रोने लगती हैं या उनकी आंखें नम हो जाती हैं| यहां Management Experts की सलाह है कि अपनी आलोचना के लिए एक Executive को हर वक्त तैयार रहना चाहिए।
क्यों जरुरी है आलोचना
उसे इस बात का आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि आज उसकी आलोचना क्यों हो रही है| उसे उसके सीनियर अधिकारी उसे कमजोर समझने लगें। वे यह तर्क निकाल सकते हैं कि एग्जिक्यूटिव अपने जॉब की Hit And Demand को झेल नहीं पा रहा है और वह बहुत जल्दी उखड़कर दु:ख के सैलाब में बह जाता है। इसलिए आलोचना के लिए सजग प्रहरी की तरह हमेशा रहें।
जैसे ही आपकी आलोचना का दौर प्रारंभ हो, आप अपने सजग दिमाग से यह जानने का प्रयास करें कि इस आलोचना का प्रयोजन क्या है। आलोचना के दो ही उदेश्य हो सकते हैं। या तो यह ऑफिस राजनीति से प्रेरित होकर आपकी पोजीशन को कमजोर करने के लिए है और या यह आपमें एक वास्तविक Improvement करने के लिए है।
यदि इससे आपका Improvement होता है, तो आपको आलोचना करने वाले को धन्यवाद देना चाहिए और उसे विश्वास दिलाना चाहिए कि आप शीघ्र अपनी गलतियों से सबक लेकर अपना व्यवहार सुधारेंगे, जिससे कंपनी को फायदा होगा। यदि आपको लगता है कि आपकी आलोचना राजनीति से प्रेरित है, तो आपको दूसरे की प्रतिक्रिया दिए बिना ऐसी आलोचनाओं के पीछे के उदेश्यों की चर्चा कर लेनी चाहिए।
कहानी का सार
आलोचना को हैंडिल करते वक्त एक Executive को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उसमें आलोचनाएं सुनने के बाद इतनी नकारात्मक सोच नहीं पैदा हो जाए,
जिससे उसको सारा संसार अपने विरुद्ध नजर आने लगे। ऐसे में वह सामान्य होकर काम नहीं कर पाएगा और प्रत्येक व्यक्ति उसे अपना दुश्मन नजर आने लगेगा। उसे आलोचना को ज़िन्दगी का एक सहज अंग मानना चाहिए और अपनी आलोचना Management करने के तरीकों में पारंगत होना चाहिए।
तो दोस्तों आशा करते हैं आपको हमारी ये पोस्ट आलोचना से घबराना नहीं चाहिए – Business Motivational Story in Hindi पसंद आयी होगी और कुछ नया सिखने को मिला होगा। धन्यवाद्