नैतिक मूल्य पर आधारित कहानी – Hindi Story on Moral Values : दोस्तों आज हम आप लोगों के लिए एक ऐसी प्रेरणादायक हिंदी कहानी लेकर आये हैं जो आपको ये ज्ञान देगी कि कैसे तन से बढ़कर मन को महत्व देना चाहिए।
नैतिक मूल्य पर आधारित कहानी
Hindi Story on Moral Values
महाकाव्य मेधदूत के रचयिता कालिदास मूर्ख नाम से प्रसिद्ध हैं, जिनका विवाह सुंदर व महान विद्योमता से हुआ था। उन महाकवि से राजा विक्रमादित्य ने एक दिन अपने दरबार में पूछा, क्या कारण है, आपका शरीर मन और बुद्धि के अनुरूप नहीं है? इसके उतर में कालिदास ने अगले दिन दरबार में सेवक से दो घड़ों में पीने का पानी लाने को कहा। वह जल से भरा एक स्वर्ण निर्मित घड़ा और दूसरा मिट्टी का घड़ा ले आया। अब महाकवि ने राजा से विनयपूर्वक पूछा, महाराज। आप कौनसे घड़े का जल पीना पसंद करेंगे? विक्रमादित्य ने कहा, कवि महोदय, यह भी कोई पूछने की बात है? इस जयेष्ट मास की तपन में सबको मिट्टी के घड़े का ही जल भाता है। कालिदास मुस्कराकर बोले, तब तो महाराज, आपने अपने प्रश्न का उतर स्वयं ही दे दिया। राजा समझ गए कि जिस प्रकार जल की शीतलता बर्तन की सुंदरता पर निर्भर नहीं करती, उसी प्रकार मन-बुद्धि का सौंदर्य तन की सुंदरता से नहीं आंका जाता।
कहानी का सार
यह है मन का सौंदर्य, जो मनुष्य को महान बना देता है और उसका सर्वत्र सम्मान होता है तो दोस्तों आपको हमारे इस Article से समझ में आ ही गया होगा की अगर आप मन से बढ़कर अगर तन को Importance देते हैं तो ये गलत है आपको सदैव ये ध्यान में रखना चाहिए की अगर आपका मन साफ़ है तो आप सही मायने में एक सर्वोत्तम इंसान है।
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