अच्छी सोच पर कहानी – Motivational Short Story in Hindi : दोस्तों आज कि कहानी है सोच पर, जी हाँ जैसा हम सोचते हैं वैसे हम हो जाते हैं। सोच का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है।
अच्छी सोच पर कहानी
एक बार गौतम बुद्ध से एक शिष्य ने प्रश्न किया-कई दिनों से मेरे मन में प्रश्न उठ रहा है कि चंद्रमा सुंदर होते हुए भी उसमें कलंक क्यों रहता है? उसी प्रकार सबको आलोकित करने वाले दीपक के नीचे अंधेरा क्यों रहता है? बुद्धदेव ने मुस्कराते हुए कहा-तुम्हारे मन में ये प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि चंद्रमा और दीपक गुणवान होते हुए भी उनमें ऐसा विरोधाभास क्यों है? परंतु एक बात तुम्हारे ध्यान में नहीं आई-क्या तुमने कभी यह सोचा है कि लोग चंद्रमा के गुणों का बखान करते हैं, सर्वदा उसकी शीतलता और सौंदर्य की प्रशंसा करते हैं। परंतु तुम्हारे मन में उसकी प्रशंसा की जगह उसके दोषों का ही ख्याल क्यों आता है? इसी तरह जहां दुनियाभर के लोग दीपक के प्रकाश से लाभान्वित होने के कारण उसकी प्रशंसा करते हैं, वहीँ तुम्हें उसके नीचे का अंधेरा ही क्यों दिखाई देता है?
इसका कारण मैं बताता हूं-इस प्रकार बुद्धदेव ने अपना कथन जारी रखा:
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो जैसा सोचता है, उसे वैसा ही दिखाई देता है। हमारे मन में जैसी भावनाएं पनपती हैं, हम उन्हीं के वशीभूत हो जाते हैं। इसीलिए कोई व्यक्ति कैसा है, इसे जानने के लिए हमें अपने मन को दर्पण बनाना चाहिए। उसे दर्पण की भांति स्वच्छ करने पर ही हमें वास्तविकता ज्ञात होगी। हमारे विचारों की छाया चित को शुद्ध नहीं होने देती। ज्यों ही मन के विचार शांत हो जाते हैं और चित शून्य हो जाता है, हमारी दुर्भावना सद्भवाना में बदल जाती है और हमें वास्तविकता का ज्ञान हो जाता है।
कहानी का सार
किसी भी व्यक्ति में हमें जो दिखाई देता है वह वही होता है जो हम देखना चाहते हैं। हम अपनी ही द्रष्टि का आकलन करते हैं। हमें चाहिए कि अपने विचारों को शुद्ध रखें जिससे किसी दूसरें के प्रति दुर्भावना हमारे अंदर न आए। तभी हम किसी व्यक्ति या वस्तु का सही आकलन कर सकेंगे। तो दोस्तों आशा करते हैं आपको ये पोस्ट अच्छी सोच पर कहानी – Motivational Short Story in Hindi अच्छी लगी होगी अपने विचार जरूर लिखें।