लालच पर छोटी और प्रेरणादायक कहानी – दोस्तों आज की हमारी इस पोस्ट में हम लालच पर छोटी और प्रेरणादायक कहानी लेकर आये हैं। दोस्तों, लालच से हम अपने ही लाभ की परवाह करते हैं, अन्य लोगों की भलाई और भावनाओं को अनदेखा करते हैं। इससे समाज में विश्वास और साझेदारी की भावना कमजोर होती है।
दोस्तों, हमें सदैव दूसरों के साथ समर्पित और साझेदारीपूर्ण रहना चाहिए, जिससे समाज में समृद्धि और सहयोग की भावना बनी रहे। तो चलिए पढ़ते हैं लालच पर एक ऐसी ही बेहतरीन कहानी।
लालच पर छोटी और प्रेरणादायक कहानी
Lalach Buri Bala Hai Story in Hindi
एक व्यक्ति ईश्वर का बड़ा भक्त था । वह हृदय से रोज प्रार्थना किया करता, ‘भगवान मेरी दरिद्रता दूर कर दो।’ भगवान ने एक दिन उसकी सुन ली और उसके समक्ष प्रकट होकर बोले, ‘मैं तुझे कुछ हीरे-जवाहरात देता हूं, झोली फैला।’ भक्त ने झोली फैला दी। भगवान ने चार हीरे और चार जवाहरात उसकी झोली में डाल दिए और फिर बोले-‘अब तू खुश है न ।’ उसके मन में लालच हो आया और हाथ जोड़कर याचना करने लगा- ‘भगवन, कुछ ओर दो।’
भगवान बोले, ‘मैंने तुझे अपनी इच्छा से जो दिया है’ उसमें संतोष कर और अधिक लालच मत कर । मगर वह नहीं माना और अधिक देने की प्रार्थना करने लगा। भगवान हंसे और अपने हाथ उठाकर उसे सावधान करते हुए बोले-‘अब तेरी झोली में हीरे-जवाहरात तब तक गिरते रहेंगे, जब तक तू मना नहीं करेगा, लेकिन तू अपनी झोली के सामर्थ्य और शक्ति के अनुसार ही ले । यदि एक भी हीरा- जवाहरात धरती पर गिरा तो सब कंकड़-पत्थर हो जाएंगे।’
वह बोला-आप चिंता न करें, मैं एक भी नीचे नहीं गिरने दूंगा। भगवान ने हीरे-जवाहरात की बरसात शुरू कर दी और उसकी झोली भरने लगी। इससे उसकी तृष्णा और बढ़ती जा रही थी। वह कहता रहा-‘और-और’। तभी उसकी झोली फट गई और सारे हीरे-जवाहरात नीचे जमीन पर गिरकर कंकड़-पत्थर हो गए। भगवान तो अन्तर्धान हो गए थे। वह व्यक्ति अपना सिर पीटकर रह गया।
कहानी का निष्कर्ष
लालच एक ऐसी बुरी बुराई है जो हमारे समाज और संबंधों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसे दूर करने के लिए हमें अपनी सोच में समाजवाद, साझेदारी और दूसरों की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे हमारे जीवन में सामंजस्य और समृद्धि आ सकती है, जो हमें समाज में स्थिरता और सहयोग की भावना प्रदान करती है।